शनिवार, 8 दिसंबर 2012

झूठ



उन्हें खेद था कि,
 जिनके तलवे उन्होंने चाटे,
 उनके तलवे में छेद था.
लेकिन जब तक
 उस छेद का पत्ता ,
उन्हें नहीं था,
 वह तलवा उनके लिए,
 अनमोल था.
 वे कहते हैं कि
आज झूठ  से ही ,
सब कुछ संभव है.
 नहीं तो कृष्ण भी ,
महाभारत में कौरवों से ,
 झूठ नहीं बोलते.
 कहीं न कहीं उसने ,
 कृष्ण की तरह ही ,
उस छेद को छिपाकर ,
अपने आगे दुनिया को,
 नतमस्तक करना चाहा .
लेकिन उसे कहाँ पता था कि
 झूठ कि बुनियाद पर बनी बातें ,
बहुत आगे तक नहीं जातीं.
 जैसे ही तलवे की छेद की बात,
 सबके सामने आई,
सभी को नतमस्तक करने वाला,
 खुद सभी के सामने नतमस्तक हो गया.

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