सोमवार, 17 दिसंबर 2012


मित्रों ! यदि आप हमेशा खुश रहना चाहते हैं तो आपस में प्यार से रहें. क्योकि प्यार आत्मा की गहराईयों में सोए हुए सौंदर्य के संगीत को जगा देता है, हममें अजीब सी पवित्रता, नैतिक निष्ठा और प्रकाश भर देता है.इसीलिए मैं कहता हूँ कि समाज के सभी लोगों को आपसी वैमनस्य को छोड़्कर इस पवित्रता और निष्ठारूपी रथ पर सवार होकर आगे चलना चाहिए.सफल जीवन वहीं है जिसमें व्यक्ति व्यक्ति को देखकर मुँह ना छिपाए बल्कि प्रेम भाव से मिले और गले मिले.लेकिन आज के भागम भाग भरी जिन्दगी में सब कुछ है केवल प्रेम ही कम है तो क्यों न हम सब खुद इस रथ पर चढ़े और लोगों को भी इस रथ पर चढ़्ने के लिए कहें. मैं  दावे के साथ कह सकता हूँ कि जो भी इस रथ पर सवार होगा उससे सारे दुख और कष्ट कोसों दूर भाग जायेंगे है ना यह काम  की बात .आप सभी मुझसे जरूर सहमत होंगे.  

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