रविवार, 4 जनवरी 2015

पी के का बवाल

अपने देश में नेकनीयती और साफ़गोई का ऐसा भयानक दलिद्दर है कि एक आदमी भीड़ से हटकर ज़रा भी अलग रास्‍ते पर पैर रखे तो ऐसा हल्‍ला होने लगता है मानो कबीर का नया अवतार हो रहा हो, या फरिश्ता बन रहा हो, जो सब कुछ सही कर देगा, सारे धार्मिक अंधविश्वासों को खत्म कर देगा या फिर एक नया मुकाम दिखाएगा ! फिर वह आदमी आमिर खान जैसा बड़ा, सेलेक्टिव स्‍टार हो तब तो कहना ही क्‍या ? ‘पी के’ के रिलीज़ होने के साथ ही अखबारों और टी.वी.चैनलों में फीचर से लेकर कवर स्‍टोरी तक हर जगह अभी कुछ ऐसी ही छटा फैल गई और बनी रहनेवाली है कि फ़ि‍ल्‍म कैसी अद्भुत, और उसे सिरजनेवाली शख्‍सीयत कैसी अनोखी है! दिक़्क़त इन सुपरलेटिव्‍स की है, बाकी मामला दुरुस्‍त, स्‍वस्‍थ्‍य, खुशग़वार है.’पी के" में धर्म भी हैं और धार्मिक अनुष्ठान भी. इससे पहले इससे मिलती-जुलती एक और फिल्म आई थी "ओह माई गौड" जिसमें परवेश रावल लौकिक भगवान की कलई खोलते है तों 'पीके' में आमिर एलियन से भोजपुरी भाषी बनकर भगवान के गुम होने की बात करते हैं. आमिर पॉपुलर सिनेमा के आदमी हैं और पॉपुलर सिनेमा की उनकी जो, जैसी समझ होगी उस पैरामीटर्स में कंसिस्‍टेंट रहते हुए आमिर ने एक ठीक-ठाक मनोरंजक और समझदार पात्र की भूमिका अदा की है. वे इस गोले के नहीं हैं लेकिन अपनी सूझ-बूझ के बल पर इस गोले का आदमी बनने में कामयाबी हासिल कर लेते हैं.आमिर अपने रिमोट को ढ़ूढ़ते हुए दिल्ली आ जाते हैं और यही से कहानी आगे बढ़्ती है और बहुत ही सफाई से एहलौकिक धार्मिक पाखंडों पर एक-एक कर व्यंग्य सामने आने लगता है. जैसा कि हर व्यावसायिक फिल्म का एक वसूल होता है कि उसमें गाना हो और गानेवाली हिरोईन हो. और इस फिल्म को देखकर लगता है कि गाने इस फिल्म में इसी व्यावसायिक सफलता के लिए डाला गया है. इस काम में हिरानी और विधु विनोद चौपड़ा कामयाब भी हो गए है तभी तो यह फिल्म 9 दिनों में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है और इस फिल्म का डंका चारों ओर बज रहा है. यह फिल्म भले ही धार्मिक पाखंडों पर चोट करती हो लेकिन इतना तो सत्य है कि इस फिल्म ने भोजपुरी भाषा को और करीब लाने का कार्य किया है. आज छोटा बच्चा भी इस फिल्म का डायलग बोलने में हिचक नहीं रखता बल्कि वैसी ही भोजपुरी बोलने का प्रयास करता है...........सच पूछा जाए तो यह फिल्म भी एक अलग अंदाज में तीन घंटे तक दर्शकों तक मनोरंजन ही करती है कोई अन्य कार्य नहीं जिसे लेकर इतना बवाल मचाने की बात हो रही है?.