बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

पाँच सवालों का उतर दीजिए

अध्यापक की हुई शादी.
आदतानुसार सुहागरात के दिन
वह दुल्हन का घुंघट उठाते ही,
उसके सामने सवालों की झड़ी लगा दी,
तेरा नाम क्या है?
चम्पा है या चमेली
कितनी है तेरी सहेली,
अपनी और अपनी सहेली,
का सही-सही उम्र बता
तेरे कितने भाई बहन हैं,
तू उनमें कौन से नम्बर पर है?
तुम्हारे पिता क्या करते है?
वे महीने में कितना कमाते है?
अपने घर का भूगोल बता,
संक्षेप में अपने परिवार का इतिहास बता,
सुनकर पति के इतने सवाल,
सर्दी में भी पसीने से,
दुल्हन का हो गया बुरा हाल
यह देखकर अध्यापक पति को,
अपनी पत्नी पर दया आ गयी
उसने प्यार से उसकी  पीठ को.
थपथपाते हुए हौंसला बढ़ाते हुए कहा-
किन्हीं पाँच सवालों का उतर दीजिए

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

बेटियाँ


बोए जाते हैं बेटे,
और उग जाती हैं बेटियाँ.
खाद-पानी बेटों में,
और लहलहाती हैं बेटियाँ.
एवरेस्ट की ऊँचाईयों तक,
ठेले जाते हैं बेटे,
और चढ़ जाती हैं बेटियाँ
कई तरह गिरते हैं बेटे,
संभाल लेती हैं बेटियाँ.
रूलाते हैं बेटे
और रोती हैं बेटियाँ
सुख के स्वप्न दिखाते हैं बेटे,
जीवन की यथार्थ हैं बेटियाँ.
जीवन तो बेटों का है
और मारी जाती हैं बेटियाँ....................