बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

दुःख-सुख

मैं बहुत दुखी हूँ
क्योकिं
मेरे दोस्त के पास
बड़ी-बड़ी कारें हैं,
आलीशान कोठी है,
दो फैक्ट्रियां हैं ,
सुन्दर पत्नी और
स्वस्थ बच्चे हैं,
करोड़ों का बैंक बैलेंस है.
मगर मेरे इस दुःख को,
एक सुख दबाये बैठा है
सुनेंगे आप वह क्या है ?
वह है चैन और सकून कि जिंदगी
जो कि मेरे पास है,
और मेरे दोस्त से कोसों दूर है.
तभी मुझे ख्याल आता है
कि मेरा सुख उसके सुख से
ज्यादा सुखदायी है. 

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