पग- पग पर और हर घर में
एक भयानक भेड़ियाँ
नज़र गड़ाये बैठा है
अपनी बहू-बेटियों पर
वह कोई और नहीं अपना
ही बहुत करीबी है
उसे पता है कि उस
पर कोई शक़ भी नहीं करेगा
वह अपने को पाक़-साफ़
और हर औरत को बदचलन
समझता है
क्या उसे मालूम नहीं है की
औरत जन्म से ही बदचलन नहीं होती
बल्कि बदचलन बनानेवाला उसी में से
कोई एक है
जो अपने भूख को शांत करने के लिए
किसी भी औरत की इज्जत से
खिलवाड़ कर सकता है.
बुधवार, 15 सितंबर 2010
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