जब भी होता हूँ परेशान
सोचता हूँ कुछ
और लिखता हूँ कविता
उठाता हूँ कलम
क्या लिखूँ मैं
यह सोचते हुए
एक सफेद कागज पर
बनाता हूँ कुछ काली लकीरें
उसमें खोजता हूँ अपना चेहरा
नहीं मिलता जब अपना चेहरा
हो जाता हूँ मैं उदास
उदास बहुत उदास..............
बुधवार, 15 सितंबर 2010
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एक सफेद कागज पर
जवाब देंहटाएंबनाता हूँ कुछ काली लकीरें
उसमें खोजता हूँ अपना चेहरा
अच्छी रचना
बहुत अच्छा लिखा है आपने ..........सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंdhanyavaad
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